18 जून 20, मुंबई जियो जियो अय हिन्दुस्तान! शुरुआत एक कहानी से करते हैं. "घडा भर अक्ल". पुरानी कहानी है, दो राज्यों की, जिनमे से एक राज्य को उनके मंत्रीजी की समझदारी के लिए जाना जाता था. मात्र एक बार, राजा का एक परम मित्र, उन्हें अपना मंत्री बदलने की सलाह देता है. कहता है, कि उसके पास एक व्यक्ति है जो काफी पढ़ालिखा है, अक्लमंद है, और वो काफी अच्छा मंत्री साबित होगा. राजा उसकी बात मानकर अपना मंत्री बदलता है. यह बात जब पड़ोस के राजा को पता चली तो वो मुस्कुराया, और अपने ओर से एक पहले वाले राजा को संदेसा भेजा. संदेसा ये था, के, "हमे पता चला है कि नए मंत्रीजी काफी अकलवान है, इसलिए हमे एक घडा (मटका) भर अकल भेजे". नए मंत्रीजी परेशान! सोच-सोच कर नींद उड़ गई, और अंतमे अपनी कुर्सी छोड़ भाग गए. राजाजी ने फिर अपने पुराने मंत्री को तलब किया, और जो कुछ हुआ वो सब उन्हें बताया. पुराने मंत्रीजी मुस्कुराए और कहा "मुझे पाच घडे भिजवा दीजिए". घडे पाने के बाद वे बगीचे मे गए, और कद्दू के पौधे के फूलवाली एक डाल एक-एक घडे मे डाल दी. कुछ दिनों के बाद ये फूल, कद्दू बन गए और ब...
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